नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में फिर से शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर दिया गया है। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी सरकार का पांचवां बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह बजट 2014-15 में पेश बजट का दोगुना है। दिल्ली में उनकी सरकार आने के बाद से लगातार बजट बढ़ाया गया है। सदन में कार्यवाही की शुरुआत मंगलवार तड़के गुलाम कश्मीर में घुसकर आतंकी शिविरों पर हमला करने वाले वायुसेना के जवानों को सलामी देने के साथ हुई। सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि उनका यह बजट पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवानों को समर्पित हैआप सरकार ने पांचवें साल भी बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर जरूर जोर दिया है, मगर बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। बिजली हाफ और पानी माफ की योजना जारी रहेगी। वहीं पेयजल की उपलब्धता बढ़ाने, जल संरक्षण, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने और पर्यावरण संरक्षण जैसे अहम विषयों पर ध्यान दिया गया है। बजट में पर्यटन की बात है तो किसानों के दर्द को भी सरकार ने समझा हैआप सरकार के इस कार्यकाल का यह अंतिम बजट है। उम्मीद की जा रही थी कि अगले साल दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाग लेने जा रही आप सरकार के इस साल के बजट पर चुनाव का असर दिखेगा। इस बार सरकार लोकलुभावन बजट लेकर आएगी, लेकिन बजट में ऐसा कुछ नहीं दिखा है। बल्कि जो योजनाएं चल रही हैं, उन्हें पूरा कराने पर जोर दिया गया है और वाहवाई घोषणाएं न कर जनता की समस्याओं को समझकर उन्हें दूर कराने पर ध्यान दिया गया है। बजट में ऐसी योजनाएं ही शामिल की गई हैं, जो अगले साल तक पूरी भी हो जाएंगी। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए पेश किया गया बजट पिछले साल के बजट अनुमान 53 हजार करोड़ से 13.52 फीसद अधिक है, जबकि 50 हजार करोड़ के संशोधित बजट अनुमान से 19.52 फीसद अधिक है। साल 2014-15 का बजट 30,940 करोड़ रुपये, जबकि 2011-12 का बजट 26,402 करोड़ रुपये था।
इसमें योजनाओं, परियोजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए 2331 करोड़ के रूप में 2244 करोड़ रुपये बुनियादी कर दायित्व के रूप में है। स्टांप व रजिस्ट्रेशन शुल्क तथा एकबारगी पार्किंग शुल्क में 1805 करोड़ की हिस्सेदारी देने का प्रावधान किया गया है। दिल्ली सरकार के विभागों में बजट के मामले में शिक्षा विभाग सबसे ऊपर हैइस विभाग को कुल बजट का 26 फीसद मिला है, जो 15601 करोड़ रुपये है। सरकार ने बजट में एक बड़ा काम यह किया है कि बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ व्यावसायिक दक्षता हासिल करने का फैसला लिया हैइससे विद्यार्थियों में व्यावसायिक सोच पैदा करने के लिए 42 करोड खर्च किए जाएंगे। इस राशि से 11वीं व 12वीं के बच्चों को प्रति वर्ष एक हजार तथा उच्च व तकनीकी शिक्षा के छात्रों को 5 हजार रुपये प्रति वर्ष दिए जाएंगे।राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय और स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के 11वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों में डिजिटल लर्निग को प्रोत्साहित करने के लिए टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही 40 हजार बच्चों को अंग्रेजी में बात करने की दक्षता दी जाएगीबजट में पारिवारिक व्यवसाय के पाठ्यक्रम की शुरुआत, शिक्षक प्रशिक्षण विश्वविद्यालय की स्थापना और एक एप्लायड साइंस विश्वविद्यालय बनाने की योजना शामिल है। स्वास्थ्य ऐसा विभाग है, जिसपर शिक्षा के बाद सबसे अधिक बजट निर्धारित किया गया है। इस विभाग के लिए 7485 करोड़ के बजट का प्रस्ताव किया गया हैमौलाना आजाद डेंटल कॉलेज में सुविधाएं बढ़ेगी। वहीं मोहल्ला क्लीनिक के लिए 375 करोड़ का बजट का प्रावधान किया गया है। अंबेडकर, बुराड़ी व द्वारका तीन नए अस्पताल इस साल शुरू होंगे, जिन्हें मिलाकर अस्पतालों में बेड की संख्या 10 हजार से 20 हजार की जाएगी। स्वच्छता और पानी की समस्या पर सरकार ने बेहतर काम करने की बात कही है। 2370 करोड़ का बजट जल बोर्ड की योजनाओं के लिए रखा गया है। पानी में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए यमुना खादर इलाके में एक हजार एकड़ में बड़े तालाब बनाकर बाढ़ का पानी रोकने की बात भी कही गई है।